Thursday, July 19, 2007

जनता हून आपका सपना हून.

मैं आज दुनिया में आया हून
संभाल लो मुझको बहुत नाज़ुक हून
मुजे से तोह अभी कुछ नही होगा

आप मारी माँ हो मुजे धैर सारा प्यार दो
जब रॉयूं तोह समझो मुजे भूक लगी है.
आपको मारे इशारों को समझना होगा.

मैं बहुत बेबस्स हून अभी मा
मुजे नाज़ुकता से संजोना होगा
मुजे आपको ही बढ़ा करने होगा.

जनता हून आपका सपना हून.
देरसे आया हून पर आपका अपना हून
अपने सपने को धीरे धीरे सजना होगा

आज जो मेरे छोटे छोटे हाट हैं
इनको आईस्ता तमना
मुझे चलना सीखना

मेरी किलकारियों के संघ हासना होगा..
जब सो नेया सकूँ मुजे लोरियाँ सुनना
बाताईं भी कहाँ करनी आती हैं अभी

मेरी टोटल्ली ज़ुबान को समझना होगा
मुजे अँचाल के साए में रखना
हर सर्द हवयों से मुजे बचना होगा

मुजे अपने सीने से लगाना होगा.
बाद मुद्दत के दुनिया में लाया गया हून...
आज ही झोली में तेरी भेजा गया हून
संभाल लो मुझको बहुत नाज़ुक हून