गुमनामइयों में खो गाये कैसे
मेरी चाहाठ में कमी ना थी
इबादत में भी कमी ना थी
तुमःरे वादे भी झूठे ना थे
फिर रिश्ते में दूरी आ गयी
कैसे चार दिन की ही तो बात थी
तुम्हे बेपनाह मुहबत थी
फिर एह बदल छाए गाये कैसे
मेरी दुनिया मुर्ज़ा गयी कैसे .
सावन ने तो बाहर खिलाई थी
हैर ओर ख़ुशियाँ फैलाई थी
हम पैर भी ख़ुशाली चह्यी थी
बगिया दिल की ए उज़ाद गयी कैसे
एक छोटी सी ही तमन्ना थी
हैर दीवार टूट चुकी थी
इस मोड़ पैर साथ चाहा था
खवैश मेरी तभह हो गयी कैसे
जीनेकि आशा चूरकर दी थी
ज़िंदगी दोराहे पैर खड़ी थी
क्यूं उमीड़ैन दिलाई थी
बीच सफ़र छ्होर गाये कैसे
बहारों का पता बताया था
नया सपने सजाए थे
ज़िंदगी में दिए जलाए थे
गुमनामइयों में खो गाये कैसे.
मेरी चाहाठ में कमी ना थी
इबादत में भी कमी ना थी
तुमःरे वादे भी झूठे ना थे
फिर रिश्ते में दूरी आ गयी
कैसे चार दिन की ही तो बात थी
तुम्हे बेपनाह मुहबत थी
फिर एह बदल छाए गाये कैसे
मेरी दुनिया मुर्ज़ा गयी कैसे .
सावन ने तो बाहर खिलाई थी
हैर ओर ख़ुशियाँ फैलाई थी
हम पैर भी ख़ुशाली चह्यी थी
बगिया दिल की ए उज़ाद गयी कैसे
एक छोटी सी ही तमन्ना थी
हैर दीवार टूट चुकी थी
इस मोड़ पैर साथ चाहा था
खवैश मेरी तभह हो गयी कैसे
जीनेकि आशा चूरकर दी थी
ज़िंदगी दोराहे पैर खड़ी थी
क्यूं उमीड़ैन दिलाई थी
बीच सफ़र छ्होर गाये कैसे
बहारों का पता बताया था
नया सपने सजाए थे
ज़िंदगी में दिए जलाए थे
गुमनामइयों में खो गाये कैसे.
No comments:
Post a Comment