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खुशियाँ दरवाज़े तक आते आते जैसे थम जाती हैं...
दिल का टोर ना काम है उसका, उसको हुनर यह खूब आत है
कोई हमरी यादें हम से चीन के जैसे ले जाता है
खुशियाँ दरवाज़े तक आते आते जैसे थम जाती हैं...
जी भर के चाहा है उस को, उस को दिल से लगाया है
प्यार हमारी भूल थी शायद दर्द सज़ा में पाया है
खुशियाँ दरवाज़े तक आते आते जैसे थम जाती हैं...
प्यार में हम ने चैन गँवाया प्यार में हमने हारा मान
बदले में पाया है हम ने दर्द तड़प और सिर्फ़ घुटन
खुशियाँ दरवाज़े तक आते आते जैसे थम जाती हैं...
अपनी खहत्ता का उस ज़ालिम ने हम पे लगाया है इल्ज़ाम
चैन गया आराम गया अब तडपे है दिल सुबः.ओ.शाम
खुशियाँ दरवाज़े तक आते आते जैसे थम जाती हैं...
उम्र बिताई जिस के गम में कब वो हमारा यार हुवा
बिरहा की मारी आँखों को कब उसका दीदार हुवा
खुशियाँ दरवाज़े तक आते आते जैसे थम जाती हैं...
उस की राह में हम ने आँखें सारी उम्र बिछाई हैण
चेहरे का भी रंग है पीला आँखें भी पथराई हैं
खुशियाँ दरवाज़े तक आते आते जैसे थम जाती हैं...
पहली बार हुवा था मिलना “नीरा” जिस दिन साजन से
प्यार के वो रंगीन से दौ पल आज भी लिप्टे तंन मान से
खुशियाँ दरवाज़े तक आते आते जैसे थम जाती हैं...
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