Thursday, November 08, 2012

मेरा तो सब कुछ तेरा प्यार


बारिश जब आये तो मेरा और भी दिल घबराए 
जुल्मी सावन मस्त हवा के झोंके ले कर आये 
याद में तेरी दिल तडपे और नैना नीर बहाए 
सजन मेरा तन, मन, धन सब तुझ पे जाए निसार 
मेरा तो सब कुछ तेरा प्यार
 
 ज़रा सी आहट हो तो सोचूँ सजना लौट के आये
कब से घर के दरवाज़े पे बैठी आस लगाए
आजा ए बेदर्दी अब तो मुझ से रहा ना जाए
तेरे बीन इक बोझ सा लागे मुझ को यह संसार
मेरा तो सब कुछ तेरा प्यार
 
 रोज़ मेरी गलीयों में आये मुझ से आँख चुराए
जैसे सूखे खेत से बादल बिन बरसे उड़ जाए
जैसे इक प्यासे को कोई खाली जाम दिखाए
कैसे समझाऊँ मैं उसको प्यार नहीं व्योपार
मेरा तो सब कुछ तेरा प्यार
 
कब तक ऐ बेदर्द रहेगा प्यार से तो अंजाना
एक झलक दिखादे जालिम दिल तेरा दीवाना
तेरे प्यार में जीना है और तुझ पे ही मर जाना
तेरे बिन जीवन का हर सच मेरे लिए बेकार
मेरा तो सब कुछ तेरा प्यार
 

1 comment:

Anonymous said...

बहुत सुंदर

"रोज़ मेरी गलीयों में आये मुझ से आँख चुराए
जैसे सूखे खेत से बादल बिन बरसे उड़ जाए
जैसे इक प्यासे को कोई खाली जाम दिखाए
कैसे समझाऊँ मैं उसको प्यार नहीं व्योपार"