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पर कोई कफ़न पहना कर चला गया
दोस्तों के काई रंग रूप देखें हैं
किसी ने हमे लूटा है,
कोई हुमारे लिए लूट गया है.
चाहत में फ़र्क है सब के.
कोई ने दुआ दी है,
तो कोई बाद दुआ दे गया है.
किसी ने हम से प्यार किया,
तो कोई हुमारा दिल तोड़ गया है.
किसी ने हमे खुशियाँ दी, तो कोई हुमारी
मुस्कुराहट ही छीन गया है.
किसी ने राह में न बिछाए हैं.
तो कोई कांटे चूबो गया है.
किसी ने रैत के घर बना कर दिए.
कोई घर को ही रूंध गया.
किसी ने किश्ती में घूमाया.
कोई किश्ती ही डूबो गया.
किसी ने दुल्हन बनने का सपना दिखाका.
पर कोई कफ़न पहना कर चला गया
7 comments:
अजब खेल हो रहे थे अजब खेल हो रहे हैं।
मेरा घर जलाने वाले मेरे साथ रो रहे हैं।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
udaasi hai kaafi !
बहुत सरल शब्दों से सजी आपकी यथार्थ परक शायरी है बधाई समय निकाल कर मेरे ब्लॉग पर भी दस्तक दे
अजब खेल हो रहे थे अजब खेल हो रहे हैं।
मेरा घर जलाने वाले मेरे साथ रो रहे हैं।।
shayam ji
aapko yahan dekhkar khushi huyi
meri kavita pasand aayi dilse abhari hoon
dhanyawaad
Anurag ji
aapka bahut bahut shukriya
yunhi hi aate rahiyega.
बहुत सरल शब्दों से सजी आपकी यथार्थ परक शायरी है बधाई समय निकाल कर मेरे ब्लॉग पर भी दस्तक दे
pradeep ji
aapko yahan dekhkar khushi huyi
meri kavita pasand aayi dilse abhari hoon
dhanyawaad
zaroor chakar maroongi aapke blog par
सुंदर रचना. जीवन में दोनों तरह के लोग मिलते है. कोई प्यार देता है तो कोई दुःख..
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