फूलों के साथ काँटे होते हैं
फूलों में खुश्बू होती है
काँटे तो चुभते रहते हैं.
फूलों की किस्मत होती है
कुछ तो मंदिर चढ़ते हैं
कुछ अर्थी पर रोते हैं
बनते हैं कभी दुल्हन की सेज
तो कभी तवायफ़ के हाथों में
बनके गजरा महकते हैं
कभी घर को सुंदर बनाते हैं
दिलों में खुश्बू फैलाते हैं
तो कभी पैरों की रौंदन होते है
फूलों में खुश्बू होती है
काँटे तो चुभते रहते हैं.
फूलों की किस्मत होती है
कुछ तो मंदिर चढ़ते हैं
कुछ अर्थी पर रोते हैं
बनते हैं कभी दुल्हन की सेज
तो कभी तवायफ़ के हाथों में
बनके गजरा महकते हैं
कभी घर को सुंदर बनाते हैं
दिलों
तो कभी पैरों की रौंदन होते है
15 comments:
बहुत सुन्दर है.
bahut khub
वह क्या बात कही आपने बहोत खूब ,
sundar.......
fir bhee vo baat
chaah nahee sur baalaa
wale pushp hee sarvochch hote hai
Sameer ji
bahut bahut shukriya
mehak ji
aapko pasand aayi
dilse abhari hoon. dhanyawaad
arsh ji
aapko pasand aaye jazbaat
bahur bahut shukriya
ranjana ji
aapka bahut bahut shukriya
girish ji
fir bhee vo baat
chaah nahee sur baalaa
wale pushp hee sarvochch hote hai
aapne sahi farmaya hai, aapka bahut bahut shukriya
सुन्दर कविता, बधाई
आपकी किवता में िजंदगी के यथाथॆ को प्रभावशाली ढंग से अिभव्यक्त िकया गया है । अच्छा िलखा है आपने ।
http://www.ashokvichar.blogspot.com
suneel ji
aapka bahut bahut shukriya
Ashok ji
आपकी किवता में िजंदगी के यथाथॆ को प्रभावशाली ढंग से अिभव्यक्त िकया गया है । अच्छा िलखा है आपने
aapko yatarth se judne kaa ehsaas huya mera likhna safal hua. aapki shukrguzaar hoon.
बहुत खूब आपने अपने विचारों को सुंदर तरीके से व्यक्त किया है आपका मेरे ब्लॉग पर स्वागत है
Post a Comment